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परीक्षा की तैयारी कैसे करें पर निबंध (How to Prepare For Exams Essay in Hindi)

विद्यार्थियों के ज्ञान और विषय के बारें में उनकीं जानकारी को परखने के लिए परीक्षा का आयोजन किया जाता हैं। परीक्षा के द्वारा ही हम उनकी क्षमताओं का आकलन कर सकते हैं। परीक्षा का नाम सुनते ही हर विद्यार्थी के मन में एक अनजान सा भय आ जाता है। यही भय विद्यार्थियों को परीक्षा की तैयारी करने में मन को एकाग्रचित नहीं करने देता है। परीक्षा के आने से पहले ही विद्यार्थी अवसाद में चलें जाते हैं। परीक्षा में असफल होने का भय हमेशा विद्यार्थियों के मन में बना रहता हैं, जिसके कारण वे अपनी तैयारी सही ढंग से नहीं कर पाते हैं। परीक्षा की अच्छी तैयारी किस प्रकार से की जाये इसके बारे में मैंने निचे विस्तार में बताया हैं। उम्मीद है यह आप सभी के लिए मददगार साबित होगा।

हम परीक्षा की तैयारी कैसे करें पर दीर्घ निबंध (Long Essay on How to Prepare For Exams in Hindi, Ham Pariksha ki Taiyari kaise karen par Nibandh Hindi mein)

Long essay – 1400 words.

छात्रों का जीवन संघर्षों और चुनौतियों से भरा होता है। उनके मन में परीक्षा के डर के साथ-साथ परीक्षा पास करने का भय भी भरा होता है। परीक्षा कैसे पास करें, विषयों में नंबर कैसे अधिक लायें, कक्षा में प्रथम स्थान कैसे प्राप्त करें, इसी प्रकार के सवाल हमेशा विद्यार्थियों के मन में चलते रहते है। इन सभी बातों का एक ही हल है, “परीक्षा की अच्छी तैयारी”।

भयभीत न होकर परीक्षा की तैयारी करें

परीक्षा का नाम सुनते ही छात्रों के मन में एक डर पैदा हो जाता है। परीक्षा के लिए वह किस तरह तैयारी करें जिससे की परीक्षा परिणाम में वह सबसे आगे आ सकें। ऐसी ही बहुत सारी बातें एक विद्यार्थी के मन में तनाव व अवसाद पैदा करती है। छात्रों के साथ ही उनके घर वाले भी चिंतित और परेशान रहते है।

परीक्षा का समय छात्रों के लिए एक कठिन समय होता है। इस प्रकार की समस्या से निपटने के लिए छात्र को अपने पाठ्यक्रम के विषयों पर पूरी तरह से ध्यान केन्द्रित करने की आवश्यकता है। जो छात्र कक्षा में पढ़ाये गये पाठ्यक्रमों का निरंतर अभ्यास करते है उनके लिए यह समस्या थोड़ी कम हो जाती है, पर अन्य छात्रों को भी इससे घबराये बिना परीक्षा की तैयारी में जुट जाना चाहिए।

परीक्षा की परिभाषा

कक्षा में अध्यापकों द्वारा विभिन्न पाठ्यक्रमों की जानकारी और ज्ञान विद्यार्थियों को दी जाती है। विद्यार्थियों में इन विषयों के मूल्यांकन के लिए लिखित, प्रायोगिक और मौखिक रूप में की आयोजन को ही हम परीक्षा कहते है। इसके द्वारा ही हम छात्रों की बौद्धिक क्षमताओं को जान पाते है। सामान्य रूप से परीक्षा का आयोजन मार्च-अप्रैल के महीनों में वार्षिक रूप में किया जाता है। पर नवीनतम दिनों में ऐसी परीक्षाएं हर महीने आयोजित की जाती है।

वार्षिक परीक्षा के आते ही छात्र उनकी तैयारियों में जुट जाते है। नोट्स तैयार करना, स्टडी मैटेरियल इकठ्ठा करना इत्यादि की तैयारी छात्र पहले ही शुरु कर देते है। इसकी वजह से वे थोड़े तनाव और चिंतित होते है। सभी माता-पिता भी अपने बेटे के साथ परेशान और चिंतित होते है, वे अपने बच्चों का मार्गदर्शन, उनका समर्थन और उन्हें हौसला देते है। किसी भी विद्यार्थी के लिए परीक्षा वह पड़ाव है, जो उनके आगे का भविष्य निर्माण और निर्धारण करता है। परीक्षा के परिणाम ही छात्रों के भविष्य बनाता है और उन्हें जीवन का उद्देश देता है।

परीक्षा के प्रकार

आमतौर पर परीक्षा 3 प्रकार से आयोजित की जाती है –

  • मौखिक परीक्षा – मौखिक परीक्षा में परीक्षार्थी की क्षमता का आकलन मौखिक और कम समय निर्धारण में किया जाता है। इस प्रकार की परीक्षा में छात्रों को उत्तर त्वरित और मौखिक रूप में दिया जाता है।
  • लिखित परीक्षा – लिखित परीक्षाओं के माध्यम से उनके लिखने की क्षमताओं और उनके शब्द त्रुटियों का आकलन किया जाता है।
  • प्रायोगिक परीक्षा – प्रायोगिक परीक्षाओं के माध्यम से छात्रों के विषय को प्रयोगों के रूप में करना होता है और उन चीजों को करके दिखाना होता है।

परीक्षा के तनाव से कैसे मुक्त हो

परीक्षा की तारीख नजदीक आते ही छात्रों के मन में तनाव, भ्रम और नकारात्मकता जन्म लेने लगती है। तिथि के नजदीक आते ही उनके मुश्किले बढ़ने लगती है। छात्र यह तय नही कर पाता की तैयारी कैसे और कहा से शुरु की जाये।

सभी छात्रों के उपर परीक्षा में उच्च स्थान और अच्छे नंबर लाने का दबाव होता है। इसी दबाव के कारण वह सही और अच्छे से अपनी तैयारी नहीं कर पाता है और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त नहीं कर पाता है। एक होनहार छात्रों में भी यह बात देखने को मिलती है, और इसके कारण उसके अंक औसत से भी कम आते है।

अच्छी तैयारी करने के तरीके

छात्रों को व्यर्थ की चिंताओं, तनावों और घबराहट को दूर करके अपने परीक्षा की तैयारी में जुटने की आवश्यकता है। तनाव मुक्त रहकर सही और अच्छी तैयारी करने के विभिन्न तरीके है, जिनमें से मैंने कुछ आपके सामने रखे है।

  • परीक्षा की तैयारी पूर्व से ही करें।
  • अपने विषयों के सिलेबस के अनुसार ही अपनी तैयारी करें।
  • स्टडी मटेरियल और नोट्स इत्यादि इकठ्ठा कर लें।
  • टाइम-टेबल बनाएं और उसपर अमल करें।
  • एक योजना के साथ अपनी तैयारी को अंजाम दें।
  • अनुशासन में रहें।
  • नोट्स और किताबों के साथ रोजाना सुबह-शाम उनका अभ्यास करें।
  • रोजाना पौष्टिक आहार ग्रहण करें।
  • समय के अनुसार प्रयाप्त नींद लें।
  • थोड़ा समय शारीरिक व्यायाम के लिए अवश्य निकालें।
  • समयानुसार पढ़ाई से ब्रेक अवश्य लेते रहें।
  • ब्रेक के समय दिमाग को शांत और खुश रखने के लिए खुद का मनोरंजन करें।
  • तनाव को छोड़ खुद पर विश्वास बनाएं रखें।
  • परीक्षा के दौरान हमेशा सकारात्मक सोच रखें।

परीक्षा के लिए कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखें

परीक्षा के तारीख निर्धारित होने के बाद छात्र हमेशा ही तनाव और चिंतित रहते है। इस बात का उन्हें ध्यान रखना चाहिए की वो अपने मन को शांत रखे, सारा जोर अपनी पढ़ाई की ओर रखें। परीक्षा की तैयारी के वक्त सभी छात्रों को कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए।

  • टाइम टेबल के साथ पढ़ाई के समय का निर्धारण

कई बच्चे बिना टाइम-टेबल के परीक्षा की तैयारी करते है तो कई टाइम-टेबल बनाकर। पर सभी बच्चों को हर विषय को पढ़ने के लिए एक टाइम-टेबल अवश्य बनाना चाहिए और उसे फॉलो करना चाहिए। इसके साथ ही समयानुसार उन्हें अंतराल भी लेना आवश्यक है। टाइम-टेबल बनाने के साथ छात्रों को अपनी पढ़ाई के लिए समय का निर्धारण भी करना चाहिए। ऐसा माना जाता है की सुबह का समय पढ़ाई के लिए सबसे उपयुक्त समय होता है, इसे ही हम ब्रम्ह-समय कहते है। इस समय पढ़ी गयी बातें लम्बे समय तक के लिए आपके दिमाग में बनी रहती है।

  • खुद को सेहतमंद रखें

परीक्षा आते ही छात्र चिंता और तनाव से भर जाते है, जिसके कारण वो समय से खाना-पीना नहीं करते और अंततः बीमार पड़ जाते है। अतः आपको अपना ख्याल रखना चाहिए और हो सके तो समय निकाल व्यायाम करें।

  • खुद को टी.वी. या सोशल मिडिया से दूर रखे

छात्रों को यह बात अवश्य ध्यान में रखनी चाहिए की परीक्षा खत्म होने तक वो खुद को टी.वी. और सोशल मिडिया से दूर रखें, ताकि आपके दिमाग में फ़िज़ूल की बात न रहें। एक फ्रेश माइंड के साथ आपके द्वारा पढ़ी गई बातें आपको लम्बे समय तक याद रहती है।

  • दिमाग को सकारात्मक बनाये

परीक्षा, पढ़ाई और ज़िन्दगी का केवल एक हिस्सा है। परीक्षा महत्वपूर्ण अवश्य है पर आपकी जिंदगी से ज्यादा महत्त्व नही रखता। छात्र अपनी मेहनत और लगन से पढ़ाई अवश्य करें, वे अवश्य सफल होंगे।

बचे हुए दिनों में हम परीक्षा की तैयारी कैसे करें ?

बहुत से छात्र की यह परेशानी होती है कि अभी तक उन्होंने कुछ नहीं पढ़ा है, और वो अब क्या करें, पढ़ाई कैसे शुरू करें इत्यादि। छात्रों को इस बात से घबराने या परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, वो बस अपने आपको शांत रख अपने मेहनत और खुद पर भरोसा करके पढ़ाई में लग जाये। पढ़ाई के लिए जो जरूरी किताबे या नोट्स है सभी को इकठ्ठा करें। समय निर्धारण के साथ अपनी पढ़ाई शुरू करें। छात्र कोशिश करें की अपने क्लास या कोचिंग के नोट्स से पढ़े ताकि आपका कोर्स जल्दी और मन की शंका दूर रहे।

कुछ ऐसे भी छात्र होते है जो रोजाना नहीं पढ़ते है, तो ऐसे छात्र दिन में 2-3 घंटो के साथ अपनी पढ़ाई की शुरुआत करें और बाद में अपना समय बढ़ा ले। समयानुसार छात्र विषय के महत्वपूर्ण चीजों पर ज्यादा जोर दें। छात्रों को खुद को भरोसा दिलाना होगा की वो अच्छा और बेहतर कर सकते है।

परीक्षा के दिनों को ध्यान में रखकर अपनी इच्छा शक्ति को मजबूत करके आप विषयों के महत्वपूर्ण चुने हुए और जो कारगर साबित हो उसी की पढ़ाई करे तो आप अवश्य सफल होंगे। मुझे उम्मीद और भरोसा है जो चीजे मैंने आपको बताई है, वो आपकी परीक्षा और जीवन में हमेशा मददगार साबित होंगी।

छात्र को परीक्षा की तैयारी के लिए अपने समय के प्रबंधन के साथ ही अपनी प्रतिभा और कौशल को भी दर्शाने की आवश्यकता है, ताकि वह समय रहते ही अपने विषय को अच्छे से पढ़कर खत्म कर सकें। छात्र को खुद के उपर भरोसा और विश्वास रखने की आवश्यकता है। वक्त रहते शुरू किया गया काम, आपकी मेहनत, लगन और आत्मविश्वास अवश्य आपको सफल बनाएगा। छात्रों को परीक्षा के दिनों समय से उपयुक्त भोजन, उचित निद्रा, व्यायाम इत्यादि अच्छी चीजों को अपनाकर एक सेहतमंद स्वास्थ्य के साथ परीक्षा दें और एक बेहतर सफलता को प्राप्त करें।

Essay on How to prepare for exams

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Essay On Importance Of Examination In Hindi – परिश्रम का महत्व पर निबंध

September 23, 2017 by essaykiduniya

Parishram ka mahatva Essay in Hindi. Here you will get Paragraph and Short Essay On Importance Of Examination In Hindi Language for Students of all classes in 300 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में परिश्रम का महत्व पर निबंध मिलेगा।

Essay On Importance Of Examination In Hindi – परिश्रम का महत्व पर निबंध

Essay on importance of examination in hindi – परिश्रम का महत्व पर निबंध ( 100 words ).

प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में परीक्षा का बहुत महत्व है। परीक्षा हमें हमारी अच्छाईयाँ और कमियाँ बताती है। यह हमें हमारी गलतियाँ बताकर उन्हें सहीं करवाती है और आगे बढ़ने में सहायता करती हैं। परीक्षा के माध्यम से हमें पता लग जाता है कि हम कहाँ पर पीछे हैं और हम उन्हें सुधार के आगे बढ़ सकते हैं। यदि हम परीक्षा में सफल होते हैं तो आगे बढ़ते हैं और विफल होते हैं तो हमें अनुभव मिलता है और कुछ नया सीखते हैं जो हमें हमेशा याद रहता है। परीक्षा हमारे व्यक्तित्व और ग्यान को निखारती है।

Essay On Importance Of Examination In Hindi – परिश्रम का महत्व पर निबंध ( 200 words )

हर व्यक्ति को अपने जीवन में बहुत सी परीक्षाएँ देनी पड़ती है जो कि हमारे जीवन में बहुत ही अहम भूमिका निभाती हैं। परीक्षा का हमारे जीवन में बहुत महत्व है क्योंकि यह हमें बताती है कि जो कुछ भी हमने अब तक सीखा है वह हमें भली भाँति आता है या नहीं और यदि नहीं आता है तो परीक्षा से हमें पता लग जाता है कि हम कहाँ पर गलती कर रहे हैं ताकि हम अपनी गलती सुधार सके और अच्छे से सीख सके। परीक्षा हमारे व्यक्तितव को और सीखने की शक्ति को निखारता है।

यदि समय समय पर परीक्षा का आयोजन नहीं किया जाऐगा तो हम कभी कभी भी अपनी गलती नहीं दान सकेंगे और कुछ नया नहीं सीख सकेंगे। परीक्षा में हमें सफलता मिले या विफलता दोनों ही हमें बहुत कुछ सीखा जाती है। यदि हम सफल होते हैं तो हम नए पड़ाव पर चले जाते है और यदि विफल होते हैं तो हमें बहुत से अनुभव मिल जाते हैं जो जिंदगी भर हमारे काम आते हैं। परीक्षा के बिना हम कभी भी खुद की कमियों को नहीं जान सकते। परीक्षा हमें जिंदगी के बारे में समझाती है और कुछ अच्छा सीखाकर आगे बढाती हैं।

Essay On Importance Of Examination In Hindi – परिश्रम का महत्व पर निबंध ( 300 words )

परीक्षाएं मानव जीवन का सबसे महत्वपूर्ण और नापसंद हिस्सा हैं। फ्लू हमें छोड़ सकता है, टाइफाइड हमें छोड़ सकता है, लेकिन परीक्षाएं हमें कभी नहीं छोड़ सकतीं वे रात और दिन हमें परेशान करते हैं हर शरीर परीक्षा से डरता है यह आदमी या भगवान। यह एक दया है कि हम परीक्षाओं के बिना नहीं कर सकते। अक्सर यह कहा जाता है कि परीक्षा एक आवश्यक बुराई है। मैं कहूंगा कि वे एक भयानक बुराई हैं वे हमारे युवा लड़के और लड़कियों से हँसी लेते हैं। जब परीक्षाएं नजर आ रही हैं, तो छात्रों को इस चेहरे की खुशी और उनके रातों की नींद खो देते हैं।

वे घबरा, पीला और भयभीत होते हैं यह रोगग्रस्त राज्य सामान्यतः परीक्षा बुखार के रूप में जाना जाता है। परीक्षा एक छात्र की वास्तविक क्षमता का परीक्षण नहीं करती है वार्षिक परीक्षा केवल एक जुआ है यदि एक छात्र जो पूरे वर्ष में बहुत गंभीर है परीक्षा से पहले बीमार हो जाता है, तो अगली कक्षा में पदोन्नति के लिए नहीं माना जा सकता है। ये परीक्षाएं एक छात्र की क्षमता की जांच करने और अधिकतम सामग्री उल्टी करने की परीक्षा देती हैं। परीक्षा कई बुराइयों को जन्म देते हैं। सस्ते नोट्स और गाइड बाजार बाढ़ बहुत कम छात्र पाठ-किताबें पढ़ते हैं। अधिकांश छात्र कम कटौती और निश्चित-सफलता पुस्तिकाएं चाहते हैं वे छात्रों को अनुचित साधनों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। परीक्षा की वर्तमान प्रणाली को बदलना चाहिए। टर्मिनल परीक्षाओं को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

उद्देश्य और अर्ध-उद्देश्य प्रकार के प्रश्नों को सेट किया जाना चाहिए ताकि अनुचित साधनों का उपयोग किया जा सके। इस तरह से छात्र पूरे पाठ्यक्रम को तैयार कर सकते हैं। परीक्षा एक आवश्यक बुराई है, लेकिन हमें कुछ सिस्टम तैयार करना चाहिए ताकि परीक्षा की नई प्रणाली शुरू की जा सके। इस मुद्दे पर वैश्विक बनें।

हम उम्मीद करेंगे कि आपको यह निबंध ( Essay On Importance Of Examination In Hindi – परिश्रम का महत्व पर निबंध ) पसंद आएगा।

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Nibandh

परीक्षा का डर पर निबंध

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रूपरेखा : प्रस्तावना - व्यक्ति या व वस्तु का मूल्यांकन - योग्यता नापने का माध्यम - जीवन यात्रा को सुचारू रूप से चलाना - परीक्षा-भय को समाप्त करना - परीक्षा और भय का संबंध - उपसंहार।

परीक्षा के दिन परीक्षार्थी के लिए बड़े कठिन होते हैं। इन दिनों परीक्षार्थी अपनी समस्त शक्ति अध्ययन की ओर केन्द्रित कर एकाग्रचित होकर सम्भावित प्रश्नों को कंठस्थ करने के लिए लगा देता है। ये दिन उसके लिए परीक्षा देवो को प्रसन्न करने के लिए अनुष्ठान करने के दिन हैं, गृहकार्यों से मुक्ति, खेल-तमाशों से छुट्टी और मित्रों- साथियों से दूर रहने के दिन हैं।

परीक्षा परीक्षार्थी के लिए भूत है। भूत जिस पर सवार हो जाता है उसकी रातों की नींद हराम हो जाती है, दिन की भूख गायब हो जाती है और घर में सगे-सम्बन्धियों का आना बुरा लगता है। दूरदर्शन के मनोरंजक कार्यक्रम, मनपसन्द एपीसोड, चित्रहार आदि समय नष्ट करने के माध्यम लगते हैं।

संस्कृत में परीक्षा शब्द की निष्पत्ति इस प्रकार है- परि (उपसर्ग) + ईक्ष्‌ (धातु) + आ (टापू) । व्युत्पत्ति है-' परित: सर्वत: ईक्षणं-दर्शनम्‌ एव परीक्षा।' अर्थात्‌ सभी प्रकार से किसी व्यक्ति या वस्तु के अवलोकन अथवा मूल्यांकन को परीक्षा कहते हैं।

मनुष्य शरीर की पाँचों उँगलियाँ समान नहीं हैं, इसी प्रकार गुण, योग्यता और सामर्थ्य की दृष्टि से मानव-मानव में अंतर है । उसके ज्ञान विवेक और कर्मठता में अंतर है । विश्व के विभिन्‍न अंगों के संचालन के लिए तदनुरूप योग्यता और सामर्थ्य सम्पन्न महापुरुष चाहिए। विश्व-जन को शिक्षित करने के लिए शिक्षा-शास्त्री चाहिए। विज्ञान से विश्व को आलोकित करने के लिए वैज्ञानिक चाहिए। विश्व-व्यवस्था स्थापनार्थ राजनीतिज्ञ-कूटनीतिश चाहिए। व्यक्ति-विशेष में कार्य-विशेष के लिए गुण हैं या नहीं, पद की प्रामाणिकता और व्यवस्था का सामर्थ्य है या नहीं, इसकी जानकारी के लिए परीक्षा ही एकमात्र साधन है।

विद्यार्थियों की योग्यता पहचाने के लिए उनमें परीक्षा लेना अति आवश्यक है। उदाहरण द्वारा यह बात स्पष्ट हो जाएगी-

  • एक कक्षा में पच्चीस विद्यार्थी पढ़ते हैं । उनको शिक्षा देने वाले शिक्षक समान है। सभी को एक ही समय और निश्चित अवधि में शिक्षा मिलती है । किसी को अधिक नहीं, दूसरे की उपेक्षा नहीं। इन पच्चीस विद्यार्थियों में किसने कितनी शिक्षा ग्रहण की है, इसका पता कैसे लगाएँगे ? उनकी परीक्षा लेकर।
  • दूसरी ओर योग्यता-क्रम निर्धारण करने के लिए भी 'परीक्षा' का माध्यम अपनाना पड़ेगा। प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ आदि स्थानों के निर्णय का निर्धारण बिना परीक्षा के असम्भव है। सौ रिक्त पदों की पूर्ति के लिए सहस्रों आवेदन-पत्र आए हैं। उनमें से सौ आवेदन-कर्ताओं का चयन कैसे करेंगे ? माथे पर तो किसी की योग्यता, विशेषता अंकित है नहीं। बस, एक ही उपाय है- 'परीक्षा'। पद के अनुकूल उनकी योग्यता, विशेषता, शालीनता, शिष्टता की जाँच करके क्रम निर्धारित करेंगे।

वेग से अच्छे घोड़े का पता चलता है। भार ढोने के सामर्थ्य से अच्छे बैल का, दूहने से अच्छी गाय का और भाषण से मंत्री का। जनसाधारण के जीवन का उद्देश्य है जीवनयात्रा को सुचारु रूप से चलाना। शिक्षा इस उद्देश्य प्राप्ति का निश्चित प्रामाणिक सोपान है । इसलिए वह सीढ़ी-दर-सीढ़ी शिक्षा को 'श्रेणियों' की परीक्षा उत्तीर्ण करता हुआ अपनी योग्यता अर्जित करता है। उस योग्यता के बल पर 'नौकरी ' के द्वार खटखटाता है उसके लिखित या मौखिक अथवा दोनों प्रकार की परीक्षा का सामना करते हुए जीवन-जीने का जुगाड़ भिड़ाता है। अत: आज के युग में इन दोनों तत्त्वों को मुख्यतः 'परीक्षा' से जीवन यात्रा सुचारू रूप से चलता है।

भय क्या है ? वह मानसिक स्थिति जो किसी अनिष्ट या संकट-सूचकृ संभावना से उत्पन्न होती है और जिसमें प्राणी चिंतित और विकल होने लगता है, भय है। आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का कहना है, 'किसी आती हुई आपदा की भावना या दुःख के कारण के साक्षात्कार से जो एक प्रकार का आवेगपूर्ण अथवा स्तम्भकारक मनोविकारं होता है, उसी को भय कहते हैं। परीक्षा-भय का डर जब परीक्षार्थी पर सवार होता है तो दिन में तारे नजर आते हैं। रातों की नींद हराम हो जाती है । दूरदर्शन के मनोरंजन कार्यक्रमों में दुष्टदर्शन की मनहूस शबलें नज़र आती हैं । रात करवटें बदलते बीतती है, दिन घोटे लगाने में जाता है। सहायक-ग्रंथों को हनुमान चालीसा की तरह रटता है। 'सभय हृदयँ बिनवति जेहि तेही "करता है।

परीक्षार्थी अपना ध्यान केन्द्रित कर अध्ययन द्वारा परीक्षा के भय को तो पराजित करने की ठानता है, किन्तु परीक्षा का दूसरा भय उसके मन-मस्तिष्क को कचोटता रहता है । यदि कंठस्थ किए प्रश्न नहीं आए तो ? परीक्षक ने प्रश्न-शैली में परिवर्तन कर दिया तो ? यदि निर्दय प्रश्न-पत्र निर्माता ने क्लिष्ट प्रश्नों के अनेक राक्षसों को उपस्थित कर दिया तो ? यदि पाठयक्रम से बाहर के प्रश्न पूछ लिए तो ? यदि 'ओबजेक्टिव' के नाम पर प्रश्नों की संख्या हनुमान की पूँछ की तरह लम्बी हुई तो ?

परीक्षा और भय का अन्योन्याश्रय संबंध है। चोली-दामन का साथ है। बिना भय के परीक्षा का अस्तित्व नहीं और बिना परीक्षा भय का निदान नहीं । महात्मा गाँधी जी का कहना है, 'भयभीत व्यक्ति स्वयं ही डरता है, उसको कोई डराता नहीं।' इसलिए भय का सामना निर्भीक होकर साहस से करके सफलता की दिव्य-ज्योति के दर्शन करना चाहिए।

परीक्षा-भय से मुक्ति परीक्षार्थी की सफलता की कुंजी है। प्रगति-पथ का प्रकाश स्तंभ है। उज्ज्वल भविष्य का उदीप्त सूर्य है। एकाग्रचित्त द्वारा नियमित अध्ययन और साहसपूर्ण आत्मविश्वास भयमुक्ति के उपाय हैं। इन दोनों उपायों से परीक्षा-भय सुषुप्त होगा, यदा-कदा जागृत होकर भयभीत नहीं करेगा। कठिन प्रश्न, दुरूह प्रश्न-शैली और अपठित की समस्या स्वस्थ मत में स्वत: हल हो जाएगी । कलम की नोक पर उनके उत्तर अभ्यास अवतरित होते जाएंगे।

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speech on exam in hindi

छात्रों के लिए ऐसा भाषण, जो भर देगा आगे बढ़ने का जज्बा – Motivational Speech in Hindi for Students

Motivational Speech for Students in Hindi

मनुष्य की जिंदगी में सुख और दुख तो लगा ही रहता है, लेकिन दुख के समय में कई लोग बुरी तरह टूट जाते हैं, और आगे बढ़ने की उम्मीद छोड़ देते हैं। ऐसे समय में उन लोगों को कई बार मोटिवेशन अर्थात प्रेरणा की जरूरत होती है। वहीं छात्रों के जीवन में भी पढ़ाई का और अच्छे अंक लाने का काफी टेंशन रहता है।

वहीं कई बार तो पढ़ाई करने के बाद भी अच्छे नंबर नहीं आते हैं या फिर उनका मन पढ़ाई में नहीं लगता है, बल्कि खेलकूद अथवा अन्य गतिविधि में लगता है, जिसकी वजह से वे बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं। ऐसे समय में छात्रों के अंदर प्रेरणादायक भाषणों के माध्यम से सही मार्गदर्शन करने और उनके अंदर आगे बढ़ने का जज्बा कायम किया जाता है।

वहीं आज हम अपने इस लेख में आपको ऐसे ही प्रेरणादायक भाषण उपलब्ध करवा रहे हैं, जिसकी सहायता से छात्रों के अंदर आगे बढ़ने का जज्बा बढ़ेगा और अपनी जिंदगी कुछ हासिल करने की भावना का विकास होगा।

Motivational Speech in Hindi for Students

सर्वप्रथम सभी को मेरा नमस्कार!

सम्मानीय मुख्य अतिथि, आदरणीय प्रधानचार्या जी, प्रोफेसर महोदया जी और यहां बैठे मेरे छोटे-बड़े भाई-बहन और मेरे प्रिय मित्रों आप सभी का मै तहे दिल से आभार प्रकट करती हूं, मुझे बेहद खुशी हो रही है कि, आज इस अवसर पर मुझे छात्रों के अंदर आगे बढ़ने का जज्बा भरने के लिए मोटिवेशनल स्पीच देने का सुनहरा अवसर प्राप्त हुआ है।

इस मौके पर मै अपने भाषण की शुरुआत किसी महान व्यक्ति द्धारा कही गई, प्रेरक वाक्य के माध्यम से करना चाहती हूं / चाहता हूं

“मेहनत इतनी खामोशी से करो कि सफलता शोर मचा दे।”

जो विद्यार्थी, किसी अन्य विद्यार्थी अथवा सहपाठी के टॉप करने पर यह सोचते हैं, कि उन्होंने यह सफलता रातों-रात हासिल की है, या फिर उसकी अच्छी किस्मत होने की वजह से उसने यह मुकाम हासिल किया है, उनका यह सोचना सरासर गलत है, क्योंकि सफलता किसी को भी एक झटके में नहीं मिलती, लेकिन लगातार प्रयास करते रहने से एक दिन जरूर मिलती है।

सफलता उन्हीं को मिलती है, जिनके जीवन का एक लक्ष्य होता है और वे अपने लक्ष्य के प्रति ईमानदार होते हैं और अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए सच्चा दृढ़संकल्प लेते हैं, और इसके लिए वे लगातार प्रयास करते रहते हैं।

वहीं महान विद्धान स्वामी विवेकानंद जी ने भी अपने एक महान विचार के माध्यम से सफलता का सूत्र बताया है, उन्होंने कहा है कि-

“अपने जीवन का एक लक्ष्य निर्धारित करो और सभी दूसरे विचार को अपने दिमाग से निकाल दो यही सफलता की पूंजी है – स्वामी विवेकानंद “

इसलिए सभी छात्रों को भी अपने जीवन में एक लक्ष्य का निर्धारण करना चाहिए, और अपनी पढ़ाई के प्रति गंभीर रहना चाहिए, तभी वे अपने जीवन में सफलता हासिल कर सकते हैं।

वहीं कुछ छात्र ऐसे भी होतें हैं, जो सिर्फ परीक्षा के समय में ही पढ़ते हैं, और पूरी साल मौज-मस्ती और अपने दोस्तों के साथ खेलकूद में अपना समय बर्बाद कर देते हैं, तो ऐसे छात्र पास तो हो जाते हैं लेकिन कुछ खास सफलता हासिल नहीं कर पाते हैं।

वहीं दूसरी तरफ जो छात्र पूरी साल मेहनत, लगन और ईमानदारी से पढ़ाई करते हैं, वो ही क्लास में टॉप करते हैं।

वहीं जिन छात्रों को पढ़ाई करने से डर लगता है, अथवा यह सोचते हैं कि वे फेल हो जाएंगे, और इसलिए मेहनत नहीं करते, तो उनका ऐसा सोचना बिल्कुल गलत है, क्योंकि किसी काम को करने के लिए प्रयास करने और विश्वास रखने की जरूरत होती है।

इसलिए, सभी छात्रों को एक ध्येय बनाना चाहिए, और उसे पाने के लिए बिना रुके तब तक प्रयास करते रहना चाहिए, जब तक की उसे पा नहीं लें। फिलहाल, इस भाषण को मै एक महान व्यक्ति के प्रेरक वाक्य द्धारा विराम देना चाहता हूं /चाहती हूं –

“सफलता पाने के लिए हमें पहले विश्वास करना होगा की यह हम कर सकते हैं”

छात्रों के लिए प्रेरणादायक भाषण – Best Motivational Speech in Hindi for Students

सभी महानुभावो, आदरणीय अतिथियों, सम्मानीय शिक्षकगण और मेरे प्यारे मित्रों सभी को मेरा नमस्कार। आज मै बेहद खुश हूं कि आप सभी ने इस मौके पर मुझे छात्रों के लिए प्रेरणादायक भाषण देने का मौका दिया, इसके लिए मै आप सभी का आभार प्रकट करती हूं या करता हूं।

मै अपने भाषण की शुरुआत महान वैज्ञानिक थॉमस एडिसन के एक प्रेरक कथन द्धारा करना चाहती हूं/चाहता हूं –

“हमारी सबसे बड़ी कमजोरी हार मान लेना है, सफल होने का सबसे निश्चित तरीका है हमेशा एक और बार प्रयास करना”- Thomas Edison

कई छात्र ऐसे होते हैं जो मेहनत तो करते हैं, लेकिन फिर भी उन्हें सफलता नहीं मिलती है, जिसकी वजह से वे निराश होकर मेहनत करना ही छोड़ देते हैं और अपनी किस्मत को दोष देने लगते हैं, लेकिन उन्हें निराश नहीं होना चाहिए बल्कि कई ऐसे सफल लोगों से सीख लेनी चाहिए।

जिन्होंने तमाम असफलता के बाद सफलता हासिल की है, क्योंकि सफलता पाने के लिए हर किसी को कड़ी मेहनत, संघर्ष और कई असफलताओं से गुजरना पड़ता है। ऐसे बेहद कम लोग होते हैं जिन्हें बिना मेहनत और संघर्ष के ही अपनी मंजिल मिल जाती है।

हर किसी के पास अपना अलग सामर्थ्य और काबिलियत होती है। कोई छात्र पढ़ाई में अव्वल होता है, तो कोई छात्र स्पोटर्स्, म्यूजिक, डांस आदि क्षेत्रों में आगे होता है, जरूरी नहीं कि आप भी अपने क्लास में टॉपर की तरह 95 फीसदी अंक लाओ तभी आपका भविष्य संवर सकता है।

बल्कि जरूरी यह है कि आप अपने अंदर की काबिलियत को समझे और सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए अपने लक्ष्य का निर्धारण करें और उसे पाने के लिए खूब प्रयास करें तभी आप सफल इंसान बन सकते हैं।वहीं इस पर किसी महान व्यक्ति ने भी कहा है कि

“जहां तुम हो वहीं से शुरूआत करो, जो कुछ भी तुम्हारे पास है उसका उपयोग करो और वह करो जो तुम कर सकते हो”

कई छात्र ऐसे भी होते हैं जो सफल तो होना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए प्रयास नहीं करते और अपना काफी समय गवां देते हैं, जिसके बाद एक पल ऐसा आता है, जब उन्हें लगता है कि काश मैने भी मेहनत की होती तो आज में सफल हो जाता।

इसलिए अगर जिस काम के बारे में सोचो तो उसे करने का प्रयास जरूर करो क्योंकि वक्त निकलने में टाइम नहीं लगता और फिर जिंदगी में काश शब्द के सिवाय और कुछ नहीं बचता साथ ही प्रयत्न नहीं करने का पूरी जिंदगी भर अफसोस होता है।

इसके अलावा कई छात्र ऐसे भी होते हैं, जो किसी कॉम्पटीटिव एग्जाम या फिर कोई भी परीक्षा देने से पहले ही सोच लेते हैं कि उनका सेलेक्शन नहीं होगा, और वे इसके लिए मेहनत भी नहीं करते हैं।

इसलिए ऐसा न करें क्योंकि किसी काम को जब तक पूरी निष्ठा के साथ नहीं किया जाता, तब तक वह करना नामुमकिन लगता है और जिंदगी में सफलता नहीं मिलती हैं, वहीं इस बारे में नेल्सन मंडेला जी ने भी अपना विचार व्यक्त किया है जो कि इस प्रकार है –

“जब तक किसी काम को किया नहीं जाता तब तक वह असंभव लगता है” – Nelson Mandela

फिलहाल, हम सभी को हमने काम के प्रति ईमानदार रहना चाहिए और एक सच्चे दृढ़संकल्प के साथ आगे बढ़ना चाहिए, तभी हम अपनी जिंदगी में सफल हो सकते हैं और सफलता की नई ऊंचाइयों को हासिल कर सकते हैं,वहीं इस भाषण को मैं गौतम बुद्ध के द्धारा कहे गए एक प्रेरक वाक्य के माध्यम से विराम देना चाहूंगी।

“न कभी भूतकाल के बारे मे सोचो और न ही भविष्य की चिंता करो, अपने दिमाग को सिर्फ वर्तमान में लगाओ – गौतम बुद्ध

मेरे इस भाषण को ध्यानपूर्वक सुनने के लिए आप सभी का धन्यवाद।

  • Hindi Speech

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11 thoughts on “छात्रों के लिए ऐसा भाषण, जो भर देगा आगे बढ़ने का जज्बा – Motivational Speech in Hindi for Students”

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Sach me ye bhoot hi accha speech hai apki vajh se me apne school me achi se school me speech suna pai thankyou so much

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Don’t see your unsucess see your sucess and prepare for sucess

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Thanks for the speech me ek student hu thanks for very much

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Very inspirational speech for students. Students cn learn n follow Hard work always pays

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Thank you so much and very nice your motivation speech

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